धनतेरस प्रतिवर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाने वाला एक त्यौहार है। लेकिन इस बार कुछ तिथियां के सहयोग के कारण धनतेरस के अगले दिन ही दिवाली को मनाया जाएगा। इस वर्ष 10 नवंबर के दिन धनतेरस का त्योहार और 12 नवंबर के दिन दीपावली का त्यौहार मनाया जाएगा। शास्त्रों की माने तो इस दिन भगवान धनवंतरी के जन्म होने के कारण धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि अमृत के कलश को लेकर प्रकट हुए थे। इसीलिए इस दिन बर्तन को खरीदने की परंपरा मानी जाती है , इस दिन भगवान धन्वंतरि के साथ-साथ माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा की जाती है। इस दिन बर्तन के साथ-साथ कोई भी सामान खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। इस आर्टिकल में आज हम जानेंगे कि धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरुआत क्यों की गई और इसकी शुरुआत कैसे हुई।
धनतेरस क्या है – What is Dhanteras in Hindi
धनतेरस, भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार को “धनत्रयोदशी” भी कहा जाता है, जहाँ “धन” धन की प्राप्ति को और “त्रयोदशी” तिथि को सूचित करता है।
धनतेरस का मुख्य उद्देश्य धन और संपत्ति की बढ़ोतरी के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करना है। इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं और धन, गहनों, या सोने-चांदी के खरीदारी करते हैं। विशेष रूप से, स्वर्ण और चांदी के आभूषण खरीदने का दिन माना जाता है।
धनतेरस के दिन लोग विभिन्न प्रकार की पूजा और अर्चना करते हैं, और धन, समृद्धि, और खुशियों की कामना करते हैं। धनतेरस त्योहार के दौरान, धनत्रयोदशी के दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ खास त्योहारी भोज भी आयोजित करते हैं।
धनतेरस का त्यौहार मनाने के पीछे क्या कारण मना जाता है।
हमारी भारतीय संस्कृति में कहा जाता है कि पहला सुख निरोगी काया होता है और दूसरा सुख घर में माया होता है इसलिए धनतेरस को पहले मनाया जाता है और दीपावली को बाद में मनाया जाता है । जो कि भारतीय संस्कृति के हिसाब से बिल्कुल सही माना जाता है। हमारी भारतीय संस्कृति के अनुसार स्वास्थ्य का स्थान धन से ऊपर रखा जाता है।
शास्त्रों में लिखी हुई कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय कार्तिक की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत के कलश को लेकर प्रकट हुए थे। यह भी मानता है कि भगवान धन्वंतरि को विष्णु का अंश माना जाता हैं। दुनिया में चिकित्सा के विज्ञान के विस्तार के लिए और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु धन्वंतरि के रूप में प्रकट हुई थी। क्योंकि इस दिन भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे जिसके कारण धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है।
त्योहार का नाम: | धनतेरस |
---|---|
अन्य नाम | धनत्रयोदशी |
मनाने की तारीख | कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10-11-2023 |
धनतेरस का महत्व | धनतेरस को धन और संपत्ति की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लोग देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और धन की वृद्धि की कामना करते हैं। |
विशेष रूप से खरीदारी | धनतेरस के दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदने का अच्छा समय माना जाता है। |
पूजा का तरीका | धनतेरस के दिन लोग घर को सजाते हैं और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। विभिन्न पूजा उपकरणों का उपयोग किया जाता है, और धनतेरस की रात को दीपों की आरती भी आयोजित की जाती है। |
परंपरागत खानपान | धनतेरस के दिन लोग विशेष तरीके से बनाए गए खाने का स्वाद उठाते हैं, और अपने परिवार और दोस्तों के साथ खास भोज आयोजित करते हैं। |
इसका महत्व | धनतेरस के बाद, दीपावली का आगमन होता है, जो हिन्दू संस्कृति में एक प्रमुख त्योहार है और इसे धनतेरस के पूजा और तैयारी के साथ मनाया जाता है। |
धनतेरस के उपलक्ष्य में पौराणिक कथाएं
एक बार की बात हे यमलोक के देवता यमराज उनके यमदूतों से प्रश्न करते हैं, कि तुम मनुष्य के प्राण लेने के लिए धरती पर जाते हो तो किसी मनुष्य पर तुमको दया आती है या नहीं तभी हम दूधों ने यमराज से कहा कि नहीं राजा हम तो केवल आपके द्वारा की गई आज्ञा का ही पालन करते हैं। एक बार फिर यमराज नहीं हम तो से पूछा की तुम कोई झिझक मत रखो और बताओ कि सच में कभी भी मनुष्य के प्राण देने में तुमको दया आई है या नहीं। तब उन यमदूतों में से एक यमदूत ने कहा कि एक वक्त ऐसी घटना हुई थी जिसको देखकर मेरे हृदय में दया आ गई थी। एक दिन अकबर नाम का एक राजा जंगल में शिकार करने के लिए जा रहा था, और वह राजा उसे जंगल के रास्ते से भटक गया था। और दूसरे राज्य की सीमा में चला गया था ।वहां पर एक शाहजहां नाम का एक शासक रहता था। शाहजहां ने अकबर का बड़े ही आदर सत्कार के साथ स्वागत किया, उसी दिन शाहजहां की पत्नी ने एक पुत्र को जन्म दिया, ज्योतिषाचार्यों ने की भविष्यवाणी की,
ज्योतिषो नाम ग्रह नक्षत्र के आधार पर भविष्यवाणी की इस बालक का यदि विवाह होता है तो यह अपने विवाह की चार दिन बाद मर जाएगा। राजा अकबर ने अपने मंत्रियों को आदेश दिया कि मेरे बालक को यमुना नदी के तट पर जो गुफाएं हैं उनमें ब्रह्मचारी के रूप में रखा जाए और वहां किसी स्त्री की परछाई भी नहीं पहुंचनी चाहिए। लेकिन प्रकृति को कुछ और ही मंजूर था। एक संयोग के कारण अकबर की पुत्री यमुना नदी के तट पर पहुंच गई और वहां राजा के पुत्र ने उसे देख लिया। दोनों ने एक दूसरे को देखा और मोहित हो गए। उन दोनों ने वहीं पर विवाह कर लिया। और ग्रह नक्षत्र के आधार पर बताया गया था कि विवाह के 4 दिन बाद राजा के पुत्र की मृत्यु हो जाएगी। और ठीक उसी प्रकार राजा के बेटे की मृत्यु हो गई उस नव विवाहिता को रोते हुए देखकर मेरा हृदय कांप उठा। यमदूत की यह सारी बातें यमराज ने सुनकर कहा कि इसमें क्या कर सकते हैं यह तो विधि का विधान होता है और मर्यादा में रहकर हमें काम करना पड़ेगा। फिर यमुदूतो ने यमराज से पूछा कि कोई उपाय है क्या इसका। तभी यमराज ने एक उपाय बताया कि इस अकाल मृत्यु से भी बचा जा सकता है। यमराज ने कहा कि धनतेरस के त्यौहार के दिन हम विधि विधान के साथ पूजा करते हैं तो अकाल मृत्यु नहीं होती है। इसी कारण धनतेरस के दिन दीपदान भी किया जाता है और माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा भी की जाती है।
ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के त्यौहार के दिन जो भी मृत्यु के देवता धर्मराज के लिए दीपदान करते हैं वहां कभी भी आकर मृत्यु नहीं हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के त्यौहार की शाम को हमारे घर के मुख्य द्वार पर 13 दीपक और 13 दीपक घर के अंदर जलाने चाहिए, धनतेरस के दिन एक मुख्य दीपक को रात को सोते समय भी जलाया जाता है और इस मुख्य दीपक को रखने के लिए पुरानी दीपक का इस्तेमाल किया जाता है और यह दीपक हमारे घर के बाहर की दक्षिण दिशा की तरफ जलाना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा यम देश की दिशा मानी जाती है। और यह भी मानता है कि पूरे घर में यदि हम दिए को घुमाते हैं तो हमारे घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा हमारे घर से खत्म हो जाती है।
FAQ—धनतेरस के त्योहार से जुड़े हुए कुछ प्रश्न और उनके उत्तर
धनतेरस का त्यौहार मनाने का क्या कारण है?
जब समुद्र मन्थन हुआ था उस समय भगवान धन्वन्तरि और माता लक्ष्मी प्रकट हुए थे , इसी कारण धनतेरस को भगवान धन्वन्तरि और माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है
धनतेरस के दिन क्या क्या चीजें खरीदना शुभ माना जाता है?
सोना-चांदी या बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है
धनतेरस का अर्थ क्या है?
यह शब्द ‘धन’ से बना है जिसका अर्थ है धन और ‘तेरस’ जिसका अर्थ है तेरह।
धनतेरस पर हमें क्या करना चाहिए?
देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और सूर्यास्त के बाद पूजा करते हैं
धनतेरस पर कितने दीपक जलाने चाहिए?
धनतेरस के दिन हमें 13 दीपक जलाने चाहिए।
वर्ष 2023 में धनतेरस का पर्व कब है?
इस बार धनतेरस का त्यौहार 10 नवंबर 2023 के दिन मनाया जाएगा
Conclusion(निष्कर्ष)
आज के आर्टिकल में हमने बताया कि धनतेरस क्यों मनाई जाती है धनतेरस मनाने के पीछे क्या कारण है धनतेरस के पीछे की कहानी और इस बार धनतेरस कब मनाई जाएगी हमें उम्मीद है कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा और इससे आपको मदद भी मिली होगी यदि इस आर्टिकल से जुड़ा हुआ कोई प्रश्न हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।