भारत में पहली बार साल 2000 में ‘India 2000’ नाम से एमिशन नॉर्म्स लागू किए गए। इसके बाद साल 2005 में BS2 और 2010 में BS3 को लागू किया गया था। देश में BS4 एमिशन नॉर्म्स साल 2017 में लागू हुए। बढ़ते पलूशन लेवल और लंबे गैप को देखते हुए BS5 को छोड़कर सीधे BS6 एमिशन नॉर्म्स लागू करने का निर्णय लिया गया।सभी दो पहिया और तिपहिया वाहन निर्माता कंपनियों ने अपने वाहनों में बीएस-6 इंजन देना शुरू कर दिया है। 1 अप्रैल 2020 से सभी वाहन निर्माताओं को अपनी गाड़ियों में नए उत्सर्जन मानक वाले बीएस-6 इंजन देना अनिवार्य होगा।
हालांकि कोरोना वायरस महामारी के कारण निकट भविष्य में इस मानक के स्थगित होने की उच्च संभावना है। दिल्ली समेत कई शहरों में बीएस-6 ईंधन भी देना शुरू कर दिया है। वहीं अगर आप कार या बाइक खरीदने की सोच रहे हैं, तो बेहतर होगा कि बीएस-6 मानक वाली कार या बाइक खरीदें।
बीएस एमिशन नॉर्म्स क्या है
बीएस एमिशन नॉर्म्स को भारत सरकार तय करती है। ये इंटरनल कंबशन इंजन इक्विपमेंट से निकलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तय किए जाते हैं। अलग-अलग समय पर इनमें बदलाव किया जाता है। जो वन, पर्यावरण और जलवायु मंत्रालय के अधीन आते हैं।दिल्ली में में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 से 500 के बीच दर्ज किया गया। जबकि यूपी के नोएडा में 350 से 450, गाजियाबाद में 400-450, फरीदाबाद में 300-500, गुरूग्राम में 350-450 के बीच एक्यूआई दर्ज किया गया है। 410 से 500 तक गंभीर, 301 से 400 को बेहद खराब, 201 से 300 को खराब, 101 से 200 को मध्यम, 51 से 100 को संतोषजनक और जीरो से 50 को अच्छा माना जाता है।
ज्यादा नंबर वाला बीएस है बेहतर
मौजूदा समय में देश में बीएस6 नॉर्म्स लागू हैं। इसे एक अप्रैल 2020 को लागू किया गया था। इससे पहले एक अप्रैल 2017 से बीएस 4 नॉर्म्स लागू किए गए थे। जबकि 2010 के बाद के वाहनों को बीएस3 की कैटेगरी में रखा गया था। साल 2000 से 2010 बीच बीएस2 और 2000 से पहले के वाहनों को बीएस1 कैटेगरी के वाहनों में रखा गया था। इसका सीधा मतलब है कि बीएस के साथ जितने नंबर बढ़ते जाते हैं, उतना ही कम प्रदूषण वाहनों से होता है।
Bharat Emission Standards है?
- Euro Norms जिसे की Bharat Stage ने अपनाया है। के हिसाब से सभी यानों की pollutant छोड़ने की एक maximum limit होनी चाहिए. Pollutant जैसे CO2, nitrogen oxide, sulfur 3 suspended particulate matter.
- यदि कोई यान अपने निर्धारित limit से ज्यादा pollutant त्याग करता है तब उसे Europe में बेचा नहीं जा सकता।
- हमारे देश में हम Euro Norms को Bharat Stage Norms के नाम से follow करते हैं. जिसे धीरे धीरे हम अपने देश के सभी सहरों में implement कर रहे हैं।
BS4 (BSIV) इंजन क्या है? What is BS4 engine
BSES, जो की देश में सभी प्रकार के वाहनों से उत्सर्जन होने वाले पर्दूषण के नियंत्रण के लिए एकमात्र शासकीय संगठन है, ने वर्ष 2000 में ‘इंडिया 2000’ नाम के साथ पहला उत्सर्जन मानदंड प्रस्तुत किया था। इसके बाद BS2 और BS3 को क्रमसः 2005 और 2010 में पेश किया, जबकि BS4 2017 में सख्त उत्सर्जन मानकों या मानदंडों के साथ प्रभाव में आया।
शासकीय निकाय द्वारा निर्धारित इन नियमों में, उत्सर्जन से संबंधित परिवर्तनों में टेलपाइप उत्सर्जन, इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ईसीयू), इग्निशन कंट्रोल, आदि शामिल थे। जिसमे सबसे अधिक दिखाई देने वाला परिवर्तन एएचओ (ऑटोमैटिक हेडलैम्प ऑन) था। BS4 नए उत्सर्जन मानकों के लिये सभी सुरक्षा पहलू को पूरा करता है।
BS6 (BSVI) इंजन क्या है ? What is BS6 engine
शासकीय निकाय, Bharat Stage Emission Standards (BSES), जो देश में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों से प्रदूषकों के उत्पादन को नियंत्रित करता है। इससे सम्बंधित Central Pollution Control Board, जो की पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत आता है, ने वाहनों से उत्सर्जन को विनियमित करने के लिए नए मानक निर्धारित किये।
वर्ष 2000 में पेश किया गया पहला उत्सर्जन मानक या मानदंड, ‘Bharat 2000′ के रूप में जाना जाता था और बाद में, BS2 और BS3 को क्रमशः 2005 और 2010 में पेश किया गया था। जबकि पहले तीन उत्सर्जन मानदंड नियमित अंतराल पर पेश किए गए थे, लेकिन BS4 को 2017 में सात साल के अंतराल के बाद पेश किया गया था।
BS6 इन सभी उत्सर्जन मानको का छठा पुनरावृत्ति है और तुलनात्मक रूप से, यह निवर्तमान BS4 की तुलना में प्रदूषण को कम करने के मामले में एक महत्वपूर्ण छलांग है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि BS5 (BSV) को बेहतर उत्सर्जन मानदंडों पर स्थानांतरित करने के प्रयास में छोड़ दिया गया है।
BS6 (BSIV) और BS4 (BSVI) के बीच अंतर क्या है? What is the difference between BS6 and BS4?
जैसा कि आपको बताया गया है कि सन 2000 में Bharat Stage Emission लॉन्च की शुरुआत की गई थी जोकि ‘INDIA 2000’ के नाम से सबसे पहले प्रयोग में लाया गया था उसके बाद इस इंडियन प्रणाली को 2005 में Update कर के BS2 तथा पुनः अपडेट करके 2010 में BS3 लांच किया गया फिर एक लंबे गैप के बाद साल 2017 में BS4 को लॉन्च किया गया जो काफी ज्यादा Successful भी रहा। उसके बाद तैयारी BS5 की चलने लगी परंतु प्रदूषण के Level को अत्यधिक देखकर तथा समय अंतराल के लंबे गैप को देखते हुए BS6 की लॉन्चिंग 2020 में कर दी गई जो वर्तमान समय में भी यही चल रही है आज इस आर्टिकल में हम आपको BS4 और BS6 Engine के बीच जो अंतर है वह दिखाने जा रहे हैं।
यदि वायु प्रदूषण में Sulphur Components में की बात की जाए तो Bs4 के फ्यूल में यह ज्यादा देखने को मिलता है परंतु Bs6 में यह लगभग 5 गुना कम हो जाता है जिससे प्रदूषित हवा को रोका जा सकता है। यदि प्रदूषण फैलाने की बात की जाए तो बी
एस सिक्स की अपेक्षा Bs4 ज्यादा पैमाने पर प्रदूषण को फैलाता है इसलिए इस प्रणाली को Update करके Bs6 में Convert कर दिया गया है।